साधिका सरोज सिंह के निधन पर गायत्री यज्ञ एवं शोक सभा

 (प्रज्ञा अवतार संवाददाता)

उन्नाव, 8 जनवरी। अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक परम पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य एवं वंदनीय माता भगवती देवी से दीक्षा लेने के बाद अपना पूरा जीवन गृहस्थ के साथ-साथ समाज को समर्पित करने वाली श्रीमती सरोज सिंह का पिछले दिनों प्रयागराज में निधन हो गया। उनकी आत्मा को शांति प्रदान करने के लिए उनके निवास स्थान ग्राम बहुराज मऊ में गायत्री शक्तिपीठ, बालू घाट के व्यवस्थापक आरसी गुप्ता के नेतृत्व मे गायत्री यज्ञ, शोक सभा एवं भोज का आयोजन किया।


स्व. सरोज सिंह एवं उनके चित्र के पीछे उनके पति डा. पृथ्वीराज सिंह, वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ

 इस अवसर पर दूर-दूर से आए गणमान्य नागरिकों ने अपने विचार व्यक्त कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की । 

उल्लेखनीय है कि 77 वर्षीया स्व. सरोज सिंह के पति एवं वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. पृथ्वीराज सिंह अपने माता-पिता एवं बहन की स्मृति में बहुराज मऊ में प्रति वर्ष तीन बार विशाल नेत्र यज्ञ का आयोजन करते हैं, जिसमें उनकी धर्म पत्नी की विशेष भूमिका रहती थी। अब तक हजारों लोगों के निशुल्क ऑपरेशन हो चुके हैं। लाभान्वित लोगों ने बुधवार को आयोजित शोक सभा में स्व. सरोज को याद करते हुए उनके चित्र पर अश्रुपूरित  पुष्पांजलि अर्पित की।



इस आयोजन में उनकी तीनों बेटियों सरिता सिंह, सुषमा सिंह एवं डा. पारुल सिंह की विशेष भूमिका रही। शोक संतृप्त वक्ताओं ने कहा कि डा. सिंह की तीनों बेटियों को उच्च शिक्षा ग्रहण करवाने में स्व. सरोज की अहम भूमिका थी। उनकी सबसे बड़ी बेटी सरिता सिंह उत्तर प्रदेश सरकार में उच्च प्रशासनिक अधिकारी है।



 दूसरी बेटी सुषमा सिंह एक विश्वविद्यालय में अधिकारी है। जबकि तीसरी बेटी डॉ. पारुल सिंह ने लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली से एमबीबीएस करने के बाद वहीं से नेत्र विज्ञान में उच्च शिक्षा ग्रहण की और इन दिनों अपने पति डॉ. आनंद के साथ मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज में रहती हैं। स्व. सरोज के पति डा. सिंह भी गायत्री परिवार के लिए वर्षों से समर्पित हैं एवं उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य महा निदेशक के पद से अवकाश ग्रहण करने के बाद नेत्र मरीजों का निशुल्क उपचार कर रहे हैं।

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