(चित्रकूट ब्यूरो) : बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार एवं उत्पीड़न को रोकने की मांग को लेकर भगवान राम की वनस्थली चित्रकूट में आज सैकड़ो साधु-संतों ने रैली निकालकर अपना रोश व्यक्त किया। गायत्री शक्तिपीठ के व्यवस्थापक डा. रामनारायण त्रिपाठी एवं कामतानाथ मुख्य द्वार के महंत मदन गोपाल दास के नेतृत्व में जिलाधिकारी शिव शरण अप्पा जीएन को ज्ञापन भी दिया गया।
उल्लेखनीय है कि 5 अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली आवाम लीग सरकार का तख्तापलट होने के बाद वहां 200 जिलों में अब तक 50 से ज्यादा हिंदू बाहुल्य इलाकों में तोड़फोड़, आगजनी लूटपाट हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश के 27 जिलों में हिंदुओं की संपत्ति एवं उनके घरों को भारी नुकसान पहुंचा है। सत्ता से बाहर हुईं शेख हसीना भारत की शरण में है और बांग्लादेश की वर्तमान सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं मोहम्मद यूनुस ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आश्वासन दिया था कि अल्पसंख्यक हिंदुओं की पूरी सुरक्षा की जाएगी लेकिन हिंदुओं के विरुद्ध हिंसा जारी है।
गायत्री शक्तिपीठ के डा.त्रिपाठी ने बताया कि बांग्लादेश में लगभग 91 प्रतिशत आबादी मुसलमानों की है और हिंसा की वजह से अल्पसंख्यक हिंदुओं की आबादी लगातार घट रही है। इस समय 7.95 प्रतिशत (1 करोड़ 31 लाख) हिंदू वहां बचे हैं।
तुलसी पीठ के पीठाधीश्वर रामभद्राचार्य के उत्तराधिकारी रामचंद्र दास ने कहा है कि बांग्लादेश में मानवाधिकारों का जमकर उल्लंघन हो रहा है और मंदिरों को भी हिंसा का शिकार बनाया जा रहा है। इसी तरह भरत मंदिर के महंत दिव्यजीवन दास ने प्रधानमंत्री मोदी से बांग्लादेश के मसले पर तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है।
प्रदर्शनकारियों में चित्रकूट एवं आसपास के तमाम मंदिर, अखाड़े एवं आश्रमों के साधु-संतों ने हिस्सा लिया। जिसमें विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अतुल सिंह व बजरंग दल से शैलेंद्र सिंह भदौरिया मुख्य रूप से थे।
दूसरी तरफ इस्कॉन मंदिर के राष्ट्रीय प्रवक्ता राधा रमन दास ने कहा है कि बांग्लादेश में काम कर रहे सरकारी हिंदू कर्मचारियों से जबरन इस्तीफा लिखवाया जा रहा है।
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