उत्तराखंड बना "गेटवे ऑफ कैलाश मानसरोवर"- पहला जत्था 30 जून को

(प्रज्ञा अवतार संवाददाता) 
देहरादून, 22 अप्रैल। 5 वर्ष बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा एक बार फिर से शुरू होने जा रही है। उत्तराखंड राज्य इस यात्रा का "गेटवे" होगा। 30 जून को 50 यात्रियों का पहला जत्था यहां से चीन के लिए रवाना होगा। बारी बारी से कुल पांच जत्थे जाएंगे। कोरोना की वजह से यह यात्रा बंद हो गई थी।
(कैलाश मानसरोवर यात्रा का फाइल फोटो)
 सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद प्रत्येक यात्री का मेडिकल परीक्षण होगा और उसके बाद उन्हें उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले से कैलाश मानसरोवर जाने की इजाजत दी जाएगी। उत्तराखंड सरकार ने विदेश मंत्रालय के दिशा निर्देश पर पिथौरागढ़ के लिपुलेख दर्रे पर विशेष इंतजाम किए हैं। यात्रियों का लेखा-जोखा कुमाऊं पर्यटन विकास मंडल के पास होगा। शिव भक्तों के लिए यह यात्रा काफी महत्वपूर्ण है और देशभर से तमाम  श्रद्धालु इस यात्रा के लिए आवेदन करते हैं लेकिन तमाम औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद मात्र ढाई सौ यात्रियों को चुना जाता है।
कोरोना के कारण 2020 से यह यात्रा बंद कर दी गई थी। इस यात्रा के शुरू होने से माना जा रहा है कि भारत-चीन के बीच संबंधों में काफी सुधार होगा। गलवान घाटी में हुए तनाव के बाद दोनों देशों के बीच सीमा विवाद गहरा गया था, इसीलिए यह यात्रा कोरोना के बाद शुरू नहीं हो सकी थी। कैलाश मानसरोवर तीर्थ चीन के तिब्बत क्षेत्र में आता है।
भाजपा मंदिर प्रकोष्ठ के अध्यक्ष एवं विधायक करनैल सिंह ने यात्रा की पुनः शुरुआत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। श्री सिंह ने यात्रा को फिर से शुरू करने के लिए काफी प्रयास किए थे।

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